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त्रिपुरा में शाह की रणनीति कामयाब: सरकार और NLFT और ATTF के बीच हुआ शांति समझौता, जानें क्या है NLFT और ATTF?

उमाकांत त्रिपाठी। त्रिपुरा में शांति के लिए बुधवार (4 सितंबर) को केंद्र सरकार, त्रिपुरा, दो उग्रवादी संगठन नेशनल लिब्रेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के बीच शांति समझौता हुआ। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा मौजूद रहे।

गृह मंत्री शाह ने कहा कि ‘यह समझौता पूर्वोत्तर के लिए 12वां और त्रिपुरा से संबंधित तीसरा समझौता है। अब तक लगभग 10 हजार उग्रवादियों ने सरेंडर किया है। ये सभी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। आज, LNFT और ATTF के आत्मसमर्पण और समझौते के साथ लगभग 328 से अधिक सशस्त्र कैडर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे।’

10 हजार उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण
अमित शाह ने बताया कि अब तक लगभग 10 हजार उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है और अपने हथियार डाल दिए हैं। इसके साथ वह अब मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। आज एनएलएफटी और एटीटीएफ के आत्मसमर्पण और समझौते के साथ ही लगभग 328 से अधिक सशस्त्र कैडर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे। त्रिपुरा के मूल निवासियों की समस्याओं का स्थायी समाधान लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इसी साल मार्च माहीने के दौरान TIPRA मोथा, त्रिपुरा और केंद्र सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

हम शांति के पक्ष में है- शाह
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में हस्ताक्षरित सभी शांति समझौतों को सरकार द्वारा लागू किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 2500 करोड़ रुपये के विकास पैकेज को पूर्वोत्तर में लागू किया गया है। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।

क्या है NLFT और ATTF?
नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) एक उग्रवादी संगठन है। केंद्र सरकार ने 1997 में एनएलएफटी और एटीटीएफ को गैरकानूनी घोषित करते हुए प्रतिबंध लगा दिया था। वर्ष 2019 में इन संगठनों पर प्रतिबंध को 5 के लिए बढ़ाया गया और फिर पिछले साल 2023 में इसपर लगा प्रतिबंध फिर से बढ़ाया गया था।

 

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