उमाकांत त्रिपाठी।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया है कि- जब संसद में वंदे मातरम् का गान होता है, तो इंडी अलायंस के कई सदस्य, जो लोकसभा में बैठे होते हैं, बाहर चले जाते हैं। मंगलवार को वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने यह आरोप लगाया। इस पर विपक्ष ने आपत्ति की और कहा कि- गृह मंत्री इसका सबूत दें। तब शाह ने कहा कि- वो शाम तक सदन को इसका सबूत मुहैया करा देंगे कि वंदे मातरम् गीत के दौरान कौन से सदस्य सदन छोड़कर चले जाते हैं।
संसद में 1992 से गाया जा रहा वंदे मातरम
राज्यसभा में गृह मंत्री शाह ने कहा कि- 1992 में बीजेपी सांसद श्री राम नाईक ने एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन के माध्यम से वंदे मातरम् को संसद में फिर से गाने का मुद्दा उठाया। उस समय प्रतिपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बहुत प्रमुखता से लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि इस महान सदन के अंदर वंदे मातरम् का गान होना चाहिए क्योंकि संविधान सभा ने इसे स्वीकार किया है। तब लोकसभा ने सर्वसम्मति से लोकसभा में वंदे मातरम् के गान की शुरुआत की।
संसद छोड़कर चले जाते हैं इंडी अलायंस के सदस्यः शाह
शाह ने दावा किया है कि- उस समय, जब हम वंदे मातरम् के गान की शुरुआत कर रहे थे, तब इंडी अलायंस के ढेर सारे लोगों ने कहा कि हम वंदे मातरम् नहीं गाएंगे, और मैंने यह भी देखा है कि जब संसद में वंदे मातरम् का गान होता है, तो इंडी अलायंस के कई सदस्य, जो लोकसभा में बैठे होते हैं, बाहर चले जाते हैं।
अंग्रेजों की पाबंदी पर क्या बोले थे बंकिम चंद्र
गृह मंत्री शाह ने कहा कि-‘जब अंग्रेजों ने वंदे मातरम् पर कई प्रतिबंध लगाए तब बंकिम बाबू ने एक पत्र में लिखा था कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है मेरे सभी साहित्य को गंगा जी में बहा दिया जाए, यह मंत्र वंदे मातरम् अनंतकाल तक जीवित रहेगा, यह एक महान गान होगा और लोगों के हृदय को जीत लेगा और भारत के पुनर्निर्माण का यह मंत्र बनेगा…।
वंदे मातरम क्यों जरूरी है-त शाह
‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने पर राज्यसभा में बहस के दौरानगृह मंत्री शाह ने कहा,कि- ;वंदे मातरम् ने एक ऐसे राष्ट्र को जागरूक किया जो अपनी दिव्य शक्ति को भुला चुका था। राष्ट्र की आत्मा को जागरूक करने का काम वंदे मातरम् ने किया इसलिए महर्षि अरविंद ने कहा वंदे मातरम् भारत के पुनर्जन्म का मंत्र है। शाह ने कहा,कि- ‘वंदे मातरम् की दोनों सदनों में इस चर्चा से, वंदे मातरम् के महिमा मंडन से, वंदे मातरम् के गौरव गान से हमारे बच्चे, किशोर, युवा और आने वाली कई पीढ़ियां वंदे मातरम् के महत्व को भी समझेगी और उसको राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक प्रकार से आधार भी बनाएगी।’














