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गृहमंत्री का गुजरात दौरा: अमित शाह ने किया इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन , भाषा विवाद पर ये कहा

उमाकांत त्रिपाठी।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद के नारणपुरा में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे लंबी तैराकी वीर सावरकर ने की थी। उन्होंने यह भी कहा कि 2030 में अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल खेल आयोजित किए जाएंगे और ओलंपिक खेलों के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

पीएम ने मुझसे कहा कि- विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाओ अमित शाह ने कहा कि सबसे पहले मैं देश के पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं। 1960 से ग्रीन बेल्ट बनी हुई थी। मैं यहां नारनपुरा में रहा हूं। इस जगह को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित नहीं किया गया था। 2019 के बाद मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गया और कहा कि मैं अपने घर से 400 मीटर की दूरी पर एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाना चाहता हूं। बाद में प्रधानमंत्री ने मुझे बुलाकर कहा- स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाओ, लेकिन विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स।

दुनिया की सबसे लंबी तैराकी वीर सावरकर ने की थी खेलों की शुरुआत सबसे पहले भारत में हुई थी। पिछले 10 सालों में भारत में खेलों में बहुत बड़ा बदलाव आया है। दुनिया की सबसे लंबी तैराकी वीर सावरकर ने की थी। जब अंग्रेज वीर सावरकर को जहाज में ला रहे थे, तो वे पैरों और हाथों में बेड़िया बंधे हुए ही समुद्र में कूद गए और तैरकर फ्रांस पहुंच गए थे। दुर्भाग्य से अंग्रेज उन्हें पकड़कर भारत ले आए और उन्हें एक ही जीवन में दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई

 

मार्था टेक्नोलॉजी से बना है स्विमिंग पूल आमतौर पर स्विमिंग पूल बनाने के लिए गड्ढा खोदा जाता है। नीले रंग की टाइलें लगती हैं और पानी भरा जाता है, लेकिन मार्था टेक्नोलॉजी में पीवीसी कोटेड ऊंचे स्टील के गर्डर-प्लेटें लगती हैं। उस पर विशेष पीवीसी या रबर जैसी सामग्री की शीट बिछाते हैं।इस शीट पर पानी भरा जाता है, अगर कोई तैराक छलांग लगाए या तेज तैरे, तो भी वह जमीन पर लगी टाइलों से नहीं टकराएगा। कोई चोट नहीं लगेगी। कॉमनवेल्थ या ओलंपिक खेल केवल मार्था तकनीक वाले पूल में ही खेले जा सकते हैं। मार्था पूल तकनीक में पूल को कस्टमाइज़ किया जा सकता है, यानी पूल को उसकी क्षमता के अनुसार छोटा या बड़ा बनाया जा सकता है।

अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का उद्घाटन किया इससे पहले गृहमंत्री ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा-भारतीय राजभाषा का भविष्य उज्ज्वल है। आपको अपने बच्चों को अपनी मातृभाषा बोलना और पढ़ना सिखाना चाहिए। यह आपके बच्चों के लिए बहुत ज़रूरी है। अगर बच्चे की सोचने की शक्ति उसकी मातृभाषा में होगी, तो वह उसी भाषा में विश्लेषण, अनुमान और निर्णय लेगा।

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