उमाकांत त्रिपाठी।उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक दूल्हे ने तिलक समारोह में सभी का दिल जीत लिया और समाज को दहेज के खिलाफ बड़ा संदेश भी दिया। दूल्हे ने तिलक में मिले 21 लाख रुपये दुल्हन के पिता को लौटा दिए और कहा कि हमारा परिवार हमेशा से दहेज के खिलाफ रहा है। जानकारी के मुताबिक, बड़ौत शहर कोतवाली क्षेत्र के वाजिदपुर गांव स्थित एक रिसोर्ट में रक्षित राणा का तिलक समारोह था। समारोह के दौरान दिव्या के पिता ने तिलक के रूप में दूल्हे को 21 लाख रुपये का चेक दिया। इसे देखते ही रक्षित राणा ने चेक को सम्मान के साथ वापस कर दिया और दहेज के खिलाफ बड़ा संदेश दिया।
दूल्हे ने दुल्हन के परिजनों से कही दिल जीतने वाली बात
रक्षित ने कहा कि-उनका परिवार शुरू से ही दहेज प्रथा के विरोध में रहा है और वे किसी भी प्रकार की आर्थिक भेंट या उपहार स्वीकार नहीं करते। उनके अनुसार, विवाह दो परिवारों का आपसी सम्मान और विश्वास का संबंध है, जिसमें लेन-देन जैसी कुरीतियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। यही वजह है कि तिलक के समय दिया गया चेक उन्होंने तुरंत लौटा दिया और दिव्या के परिवार से भी आग्रह किया कि ऐसी परंपराओं को समाप्त करने में सहयोग करें।
दुल्हन के पिता बोले- बेटी की भविष्य के लिए रखे थे पैसे
दिव्या के पिता ने रक्षित के इस कदम का सम्मान करते हुए कहा कि- यह निर्णय उनके बच्चों के आधुनिक विचार और सही संस्कारों का प्रतीक है। उन्होंने माना कि यह राशि उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य के लिए संजोकर रखी थी, लेकिन जब रक्षित और उनके परिवार ने साफ कर दिया कि वे दहेज स्वीकार नहीं करते, तब इसे वापस लेना ही उचित लगा। सगाई में मौजूद रिश्तेदारों और परिचितों ने भी रक्षित की इस पहल की सराहना की। कई लोगों का कहना था कि आज के समय में जब दहेज की कुरीति अब भी कई परिवारों पर बोझ बनकर बैठी है, ऐसे उदाहरण समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखते हैं।
तिलक समारोह का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। रक्षित के इस निर्णय की जमकर तारीफ हो रही है। लोगों ने इसे “नई पीढ़ी की सोच” बताते हुए सराहा है। रक्षित और दिव्या की सगाई अब सिर्फ एक पारिवारिक आयोजन न रहकर समाज में दहेज विरोध की एक प्रेरक मिसाल बन गई है।














