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छठ पूजा का समापन: पीएम मोदी ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं, ये प्रार्थना भी की

उमाकांत त्रिपाठी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चार दिवसीय छठ पूजा के शुभ समापन पर देशभर के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। साथ ही पीएम मोदी ने सभी श्रद्धालुओं की भलाई और समृद्धि की प्रार्थना की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए समर्पित त्योहार के सफल समापन पर अपनी खुशी व्यक्त की।

भव्य परंपरा की दिखी दिव्य झलक
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया,कि-आज भगवान सूर्य देव को प्रातःकालीन अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही छठ के महापर्व का पावन समापन हो गया। इस चार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान, हमने छठ पूजा की अपनी भव्य परंपरा की दिव्य झलक देखी।

छठी मैया सभी का जीवन रखें आलोकित
इसके साथ ही पीएम मोदी ने छठी मैया के भक्तों और उत्सव मनाने वालों को शुभकामनाएं देते हुए कहा,कि-सभी व्रती भक्तों और श्रद्धालुओं के साथ इस पावन पर्व का हिस्सा बने हमारे सभी परिवारजनों को हार्दिक बधाई। छठी मैया की असीम कृपा आप सभी के जीवन को सदैव आलोकित रखे।

उगते सूर्य को दिया गया अर्घ्य
मंगलवार सुबह, देशभर में श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ अर्पित किया, जो छठ पूजा के समापन का प्रतीक था। हजारों लोग नदियों, तालाबों और घाटों पर एकत्रित हुए और उन्होंने अनुष्ठान किया तथा समृद्धि और कल्याण का आशीर्वाद मांगा।

घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
बिहार में ‘उषा अर्घ्य’ के लिए लोग बड़ी संख्या में घाटों और नदी तटों पर उमड़ पड़े थे। श्रद्धालुओं ने घाट पर विभिन्न स्थानों पर सावधानीपूर्वक फूल और फल सहित प्रसाद रखा। समारोह के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख घाटों पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था।

भजनों और मंत्रोच्चार के बीच छठ पूजा
दिल्ली में यमुना घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। आईटीओ स्थित हाथी घाट जगमगा रहा, जहां श्रद्धालु भजनों और मंत्रोच्चार के बीच छठ पूजा की अंतिम रस्में निभा रहे थे। छठ पूजा के अंतिम दिन अनुष्ठान करने के लिए वाराणसी के घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। शास्त्री घाट पर भी श्रद्धालु अंतिम दिन पूजा करने के लिए उमड़े।

25 अक्टूबर से शुरू हुआ ये महापर्व
चार दिवसीय छठ महापर्व 25 अक्टूबर को नहाय-खाय की रस्म के साथ शुरू हुआ, इसके बाद 26 अक्टूबर को खरना, 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य (शाम का प्रसाद) और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य (सुबह का प्रसाद) के साथ संपन्न हुआ।

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