उमाकांत त्रिपाठी। मोदी सरकार की तीसरी पारी में रोजगार और नौकरियों पर विशेष फोकस के तहत, केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार और नौकरियों के सृजन के लिए एंप्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित की जाएगी।
क्या है मोदी सरकार की ELI स्कीम
– पहली बार नौकरी करने वालों के लिए: सरकार पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं के दो महीने के वेतन का अधिकतम 15,000 रुपये का भुगतान करेगी।
– नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन: सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी।
– मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान: इस योजना में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
– सामाजिक सुरक्षा: योजना का मुख्य उद्देश्य नौकरियों और रोजगार में सामाजिक सुरक्षा का कवच उपलब्ध कराना है।
युवाओं को मिलेगा ये फायदा
– रोजगार सृजन: इस योजना से अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
– आर्थिक विकास: इस योजना से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकेंगे।
– निजी क्षेत्र की भागीदारी: इस योजना से निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी लाभ होगा और वे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान कर सकेंगी।
1.07 लाख करोड़ का फंड मंजूर
– EPFO की भूमिका: इस योजना का क्रियान्वयन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जाएगा।
– आवंटन राशि: केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।
– योजना की अवधि: यह योजना एक अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित रोजगार पर लागू होगी।