खबर इंडिया की।आज पेरिस ओलिंपिक में भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होगी। विनेश ने सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है।
वहीं सीनियर वकील हरीश साल्वे आज IST कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में विनेश फोगाट का पक्ष रखेंगे।
विनेश ने लिया संन्यास
पेरिस ओलिंपिक फाइनल से अयोग्य हो जाने के बाद विनेश ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी है । उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे X पर एक पोस्ट में लिखा है कि”मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।”
100 ग्राम से नहीं हो पाया विनेश का गोल्ड
6 अगस्त को विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक की महिला रेसलिंग के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। रेसलिंग नियम के मुताबिक रेसलर को मैच की सुबह वजन का मापन करना होता है। विनेश का जब वजन नापा गया तब वो अपने कैटेगरी यानी 50 किग्रा से 100 ग्राम ज्यादा थी, जिसके बाद उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया था। बुधवार को विनेश ने CAS में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए।
ओलिंपिक खेलों के विवाद की CAS करता है सुनवाई
ओलिंपिक खेलों के दौरान किसी भी विवाद के समाधान के लिए यहां CAS विभाग होता है। सेमीफाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज ने फाइनल में उनकी जगह ली थी। CAS में पहले गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन भारतीय स्क्वॉड ने सुनवाई के लिए भारतीय वकील भी नियुक्त करने के लिए समय की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार यानी आज तक के लिए स्थगित कर दी थी।
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसिल हरीश साल्वे इस केस में CAS के सामने भारतीय ओलिंपिक संघ की ओर से विनेश के केस को रिप्रजेंट करने वाले हैं। ऐसे में फैसला आज आ सकता है, लेकिन अगर कोर्ट को लगता है कि इस मामले में और सुनवाई की जरूरत है तो वो अगली तारीख दे सकती है।
जानें क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों का खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई होनी है।
ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश 3 मुकाबले जीतकर 50 kg रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी।