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ईरान पर हमला, लेकिन चूक गया अमेरिका, जहां बम गिराए वहां से पहले ही हट चुके थे यूरेनियम

उमाकांत त्रिपाठी।इजराइल और ईरान के बीच मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. अमेरिका की ओर से ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला कर उसे नष्ट करने का दावा भी किया गया है. ईरान इस हमले को युद्ध की अकारण कार्रवाई के रूप में भी देखता है, साथ ही उसने अमेरिका से कहा है कि वह चुप नहीं बैठेगा, बदला लेकर रहेगा. इस बीच ईरान यह भी दावा किया कि जिन 3 परमाणु ठिकानों पर अमेरिका ने हमला किया है वहां पर कोई न्यूक्लियर लीकेज नहीं हुआ है और यूरेनियम को पहले ही हटा दिया गया था.ईरान के जिन 3 परमाणु ठिकानों पर अमेरिका ने बम गिराए उसमें फोर्डो बेहद अहम माना जाता है. फोर्डो के बारे में कहा जा रहा है कि यहां पर अहम भूमिगत यूरेनियम संवर्धन सुविधा भी शामिल है. लेकिन फोर्डो न्यूक्लियर फैसेलिटी कॉम काउंटी में पड़ता है, के एक सांसद ने बताया कि रविवार रात के अमेरिकी हमले के बाद परमाणु ठिकाने से कोई खतरनाक सामग्री उत्सर्जन नहीं हुआ है क्योंकि इस केंद्र को पहले ही खाली कर दिया गया था.

 

जानिए- क्या चूक गई अमेरिकी एजेंसियां
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की ओर से यह बड़ी चूक है. ईरान के परमाणु ठिकानों के बारे में अमेरिका की खुफिया एजेंसियां क्या इस बात का सटीक आकलन करने में नाकाम रही है, क्योंकि अमेरिका ने जिस फोर्डो पर बम गिराया, वहां से ईरान ने पहले ही यूरेनियम हटा लिया था.स्थानीय ईरानी मीडिया से बात करते हुए, ईरानी संसद में कॉम के प्रतिनिधि मोहम्मद मनन रईसी ने आश्वासन दिया कि फोर्डो न्यूक्लियर फैसेलिटी सेंटर को अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे के उलट कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ है. उनका कहना है कि सिर्फ जमीनी पर मौजूद हिस्से को ही नुकसान पहुंचा है जिसे सही किया जा सकता है.

 

कोई रेडियोधर्मी उत्सर्जन नहींः सांसद
सांसद रईसी ने कहा कि- उन्होंने क्षेत्र के लोगों को यह आश्वासन भी दिया कि अमेरिकी हमले के बाद किसी तरह का कोई रेडियोधर्मी उत्सर्जन नहीं हुआ है क्योंकि हमले से बहुत पहले ही रिस्की मैटेरियल वहां से निकाल दिए गए थे. उन्होंने यह भी कहा कि अब यह ईरान पर निर्भर करता है कि वह ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला करने की अमेरिकी राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) की मूर्खतापूर्ण कार्रवाई का जवाब कैसे देता है.

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