उमाकांत त्रिपाठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के दौरे पर हैं. इस दौरान भावनगर में उन्होंने 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया और जनसभा को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब भारत जो भी लक्ष्य तय करता है, उसे समय से पहले पूरा करता है. सोलर क्षेत्र हो या पोर्ट सेक्टर, दोनों में तय लक्ष्य समय से पहले हासिल किए गए हैं.
पोर्ट कनेक्टिविटी दोगुनी हो गई है और शिप अराउंड टाइम घटकर सिर्फ एक दिन रह गया है. नए पोर्ट भी तेजी से विकसित किए जा रहे हैं और 2047 तक दुनिया के समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. दुनिया को भारत का सामर्थ्य दिखाना है. इसी दिशा में लोथल में दुनिया का सबसे बड़ा नेशनल मेरीटाइम म्यूजियम बनाया जा रहा है, जिसका मैं स्वयं निरीक्षण करने भी जा रहा हूं.
युवाओं को मिल रहा रोजगार
पीएम मोदी ने कहा कि- वर्तमान में देश में समुद्र के रास्ते जितना भी कार्गो आता है, उसमें से 40 प्रतिशत गुजरात से होकर आता है. साथ ही, शिप ब्रेकिंग का एक बड़ा इको सिस्टम बन रहा है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है. विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भर भारत से होकर ही गुजरता है. उन्होंने सभी देशवासियों से आग्रह किया कि हम जो भी खरीदें वह स्वदेशी हो और जो भी बेचें वह भी स्वदेशी हो. यही भारत की शक्ति है और यही भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा.
हैरान रह जाएंगे देशवासी
पीएम मोदी ने कहा, ‘देशवासी यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 6 लाख करोड़ रुपये हर साल विदेशी शिपिंग कंपनियों को किराए में दिए जाते हैं. यह रकम भारत के रक्षा क्षेत्र के बजट के बराबर है. हमारे पैसों से विदेशों में लाखों नौकरियां बनी हैं. अगर पूर्व सरकारों ने हमारे शिपिंग इंडस्ट्री पर ध्यान दिया होता तो आज दुनिया भारत में बने जहाजों से व्यापार कर रही होती और उसका सीधा लाभ हमारे देश को मिलता. 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए आत्मनिर्भर होना ही होगा, इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.