उमाकांत त्रिपाठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जून रविवार को देशवासियों को संबोधित किया। मन की बात के 123वें एपिसोड में उन्होंने कई बातें की। पीएम ने कहा कि- धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसर का महाअनुष्ठान होती है। जितने लोग यात्रा में जाते हैं उससे ज्यादा लोग उनकी सेवा में जुट जाते हैं। लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हुई है। हिंदू, बौद्ध, जैन सभा परंपरा में कैलाश को श्रद्धा का केंद्र माना गया है।
मेघालय के एरी सिल्क का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि- मन की बात में देश के यूनीक प्रोडक्ट की बात करते हैं। कुछ दिन पहले मेघालय का एरी सिल्क को जीआई टैग मिला है। इस सिल्क की कई ऐसी खूबियां जो इसे अन्य फैब्रिक से अलग बनाती है। इसे बनाने के लिए प्रयोग होने वाले रेशम के कीड़ों को मारा नहीं जाता है। इसकी खूबी है कि यह सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में ठंडक देता है।
फुटबॉल खिलाड़ियों ने बनाई पहचान
बोडोलैंड में 70 हजार फुटबॉल खिलाड़ी: बोडोलैंड आज अपने नए रूप के साथ देश के सामने खड़ा है। बोडो टेरिटोरियल एरिया में 3 हजार से ज्यादा टीम और 70 हजार से ज्यादा खिलाड़ी फुटबॉल खेल रहे हैं। एक समय था जब बोडोलैंड संघर्ष कर रहा था। आज यहां से निकले फुटबॉल खिलाड़ी अपनी पहचान बना रहे हैं।
पर्यावरण बचाने निकले साथियों की तारीफ
इस दौरान पीएम ने पर्यावरण को बचाने निकले कई साथियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि- हमने इस महीने विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। कई लोगों ने अपने आस पास के उन साथियों के बारे में बताया जो अकेले ही पर्यावरण बचाने निकल गए। पुणे के रमेश खरमाडे जी जुन्नर की पहाड़ियों की ओर निकल पड़ते हैं। वे झाड़ियां साफ करते हैं और पानी रोकने के लिए ट्रेंच बनाते हैं। नतीजा यह हुआ कि यहां वन्य जीवन को नई सांसे मिल ही हैं।
22 भाषाओं में होता है ब्रॉडकास्ट
मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकास्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर से होती है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था।