उमाकांत त्रिपाठी।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि- अपराध रोकने वाले तीन नए कानूनों के पूर्ण रूप से लागू होने के बाद भारत की न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी। इन कानूनों के लागू होने में अभी दो साल का समय लगेगा।2027 के बाद जो भी एफआइआर दर्ज होगी, उसमें तीन साल के भीतर सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मिलने की व्यवस्था होगी। हर मामले की समय सीमा तय होगी। लोगों को 25 से 30 साल तक न्याय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में देश में 50 प्रतिशत से अधिक चार्जशीट समय पर दाखिल की जा रही है।
यह अगले एक साल में 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।शाह ने सोमवार को जयपुर में तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर आधारित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इज आफ लिविंग के लिए कई परिवर्तन किए हैं।
नए कानूनों के लागू होने से न्याय की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा। नए कानून सभी के लिए समयबद्ध, सुलभ और सरल न्याय सुनिश्चित करेंगे। ये कानून हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली को दंड के बजाय न्याय से प्रेरित होकर संचालित करने के लिए प्रेरित करते हैं।उन्होंने कहा कि- नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रविधान हैं।
सात साल से अधिक सजा वाले मामलों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य होगी। आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और संगठित अपराध की स्पष्ट परिभाषा तय की गई है। अपराधियों की जेल से भी वीडियोग्राफी के माध्यम से पेशी का प्रविधान किया गया है।शाह ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते कहा कि भाजपा जो कहती है, वह करती है। गहलोत ने कहा था कि- इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ के एमओयू किए गए हैं, लेकिन जमीन पर कितने उतरेंगे, यह महत्वपूर्ण है।
शाह ने राज्य सरकार द्वारा 9315 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास के साथ 47 हजार छात्रों को यूनिफार्म के लिए 260 करोड़ रुपये उनके अभिभावकों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए। उन्होंने स्वदेशी सामान के उपयोग पर जोर देते कहा कि यदि देश के 140 करोड़ लोग स्वदेशी सामान का उपयोग करने का प्रण लें तो 2047 में भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।