खबर इंडिया की।एक रिश्ते में जब इज्जत न मिले तो उसे छोड़ देना चाहिए, ये बात हमारे बड़े-बूढ़े हर किसी को समझाते हैं. कुछ को समझ आ जाती है और वो इससे सीख ले लेते हैं तो कुछ उसी टॉक्सिक रिश्ते में रहना चुनते हैं. टीवी और रियलिटी शो स्टार पवित्रा पुनिया ने अपने पुराने रिश्ते से वॉकआउट करना चुना. क्योंकि जहां इज्जत नहीं, वहां रहना भी नहीं.
एक निजी चैनल के साथ पवित्रा ने अपनी पर्सनल लाइफ पर खुलकर बात की. बताया कि उनके लिए आत्मसम्मान से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं. किसी रिश्ते में जब आप खुद को खोने लगें तो समझ लें कि आप राह से भटक चुके हैं. पवित्रा ने कहा- प्यार, सगाई, फिर ब्रेकअप, सबकुछ मैंने पब्लिकली झेला है. ट्रोलिंग भी फेस की, जिसमें लोगों ने बहुत ही खराब कॉमेंट्स किए. ब्रेकअप के बाद इतना टूट गई कि डिप्रेशन और स्ट्रेस में चली गई. खुद को इसलिए संभाला क्योंकि परिवार सामने था. बिना किसी थेरेपी और दवाओं के खुद को इससे बाहर निकाला और काम पर वापस लौटीं.
निजी जिंदगी काफी सुर्खियों में रही इससे प्रोफेशनल लाइफ पर कितना असर पड़ा?
मेरी प्रोफेशनल लाइफ पर निजी जिंदगी का वैसे तो असर नहीं पड़ा. लेकिन हां, मेरे साथ ये हुआ है कि मैं किसी प्रोडक्शन हाउस के साथ काम कर रही हूं. और मैं जिस शख्स के साथ जुड़ी थी, वो भी उस प्रोडक्शन हाउस के साथ काम कर रहे थे. तो वहां मैंने थोड़ा बायसनेस झेला है. मुझे शो से दूर किया गया. मुझे ये चीज खराब इसलिए लगी क्योंकि पर्सनल लाइफ में कुछ भी हुआ हो, आप प्रोफेशनल लाइफ पर उसका असर मत डालो.
क्या कभी प्रेशर महसूस हुआ?
मुझे दुख होता है ये देखकर कि लोग एक महिला की भावनाओं को समझते नहीं हैं. वो ये नहीं सोचते कि उसपर क्या गुजर रही होगी. अगर वो किसी रिलेशनशिप से वॉक आउट कर रही है तो वो क्यों कर रही है. मैं एक रूढ़िवादी परिवार से आती हूं, मुझे ये नहीं सिखाया गया कि लड़कों को पकड़ो और छोड़ो. मैं अपने एथिक्स से बहुत प्यार करती हूं. मैं अगर किसी रिश्ते में हूं तो मैं उस शख्स को इज्जत दे रही हूं तो बदले में वही इज्जत चाहती भी हूं. फिर चाहे वो कोई भी स्थिति क्यों न हो. अगर इज्जत नहीं मिलती देने के बावजूद तो मैं उस रिश्ते से बाहर आना चुनती हूं जो कि मैंने किया भी है. मुझे बिल्कुल इस चीज को करने से डर नहीं लगता.
जब आप रिश्ते में आत्ममुग्ध इंसान बन जाते हैं और किसी की ग्रोथ को नीचा दिखाने लगते हैं, ये जानते हुए कि मैं अपनी जिंदगी में एक मजबूत महिला रही हूं. जो कमाया है बहुत मेहनत करके कमाया है. तब जब वो इंसान मुझे सपोर्ट न करते हुए नीचा दिखाता है तो मेरा दिल टूट जाता है. तब भी मैं खुद को शांत करती हूं. मैं किसी प्रोजेक्ट को चुनने के लिए 2 बार सोचती हूं, ये दिमाग में रखते हुए कि जिसके शख्स के साथ मैं हूं उसकी मेंटल पीस खराब न हो, लेकिन उसके बावजूद भी अगर चीजें घटिया होती हैं तो मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं. फिर बाद में चाहे लोग कुछ भी बोलें, मेरे लिए उस समय मेरी डिग्निटी और मेंटल पीस बहुत मायने रखती है.
डिप्रेशन मुश्किल से बाहर निकलीं पवित्रा
कोई भी इंसान किसी को भी डिप्रेशन या स्ट्रेस से बाहर नहीं निकाल सकता. आपको खुद को ही इससे बाहर निकालना पड़ता है. डार्कनेस को फेस करना पड़ता है. उस समय आप खुद को समय दो. इसमें थेरेपिस्ट और दवाएं कुछ काम नहीं करता. उस समय मैंने खुद को मजबूत बनाया. परिवार मेरे लिए जरूरी था, क्योंकि समझ आया था कि मैं अगर ऐसी रही तो परिवार का क्या होगा. उस समय मुझे खुद ही खड़ा होना पड़ा, ये सोचकर कि अगर मैं परेशान होती रही तो इन लोगों के पास कुछ नहीं बचेगा. मुझे परिवार के लिए खड़ा होना पड़ा.