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दिवाली से पहले मिठाई में मिलावट, जानें कैसे घर पर पहचानें मिठाई असली है या नकली.?

खबर इंडिया की।हाल ही में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने नोएडा में 1,100 किलो से ज्यादा मिलावटी मिठाइयां जदरअसल, हर साल दिवाली के समय मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। इस मौके का फायदा उठाकर कुछ मिलावटखोर सस्ते और खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल करके ज्यादा मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं।मिलावटी मिठाइयां हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। यह न सिर्फ पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ाती हैं, बल्कि लिवर, किडनी और हार्ट जैसे अंगों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में मिलावटी मिठाइयों को पहचान करना जरूरी है।ब्त कर नष्ट कराईं। यह सिर्फ एक उदाहरण है, ऐसे ही देश के तमाम शहरों में दिवाली के दौरान मिलावटखोरी का यही खेल चलता है।

 

बाजार से मिठाई खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

अगर मिलावट का पता चले तो कहां शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

सवाल- दिवाली के दौरान मिठाइयों में मिलावट के मामले क्यों बढ़ जाते हैं?

जवाब- दिवाली जैसे बड़े त्योहार में मिठाइयों की डिमांड कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावटखोर दूध, खोया, घी, तेल और चीनी जैसी चीजों में सस्ते विकल्प मिलाते हैं। मिलावटखोर दूध में डिटर्जेंट, यूरिया और पानी, खोए में स्टार्च और वनस्पति घी, जबकि घी में पाम ऑयल और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल का इस्तेमाल करते हैं। वहीं मिठाइयों को चमकीला बनाने के लिए सिल्वर फॉइल की जगह एल्युमिनियम फॉइल का उपयोग करते हैं, जो सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है।

सवाल- मिलावटी मिठाइयां खाने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?

जवाब- न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल बताती हैं कि मिलावटी मिठाइयां खाने से 24 घंटे के भीतर पेट में इन्फेक्शन, अपच और फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय में ये शरीर के अन्य ऑर्गन्स को भी प्रभावित करती हैं।

लिवर और किडनी पर भी इसका बुरा असर पड़ता है क्योंकि ये केमिकल्स को पूरी तरह फिल्टर नहीं कर पाते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में ये प्रभाव और गंभीर हो सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से मिलावटी मिठाइयां खाने से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में जानिए-

सवाल- मिठाइयों में मिलावट की पहचान कैसे की जा सकती है?

जवाब- मिठाई या उससे जुड़ी सामग्री खरीदने से पहले उसकी क्वालिटी और असली-नकली की पहचान करना बेहद जरूरी है।

इसके कुछ आसान तरीके हैं। जैसे कि-

दूध से बनी मिठाइयों के सैंपल में आयोडीन की 1-2 बूंदें डालें। अगर रंग नीला हो जाए तो स्टार्च की मिलावट है।

खोए की जांच के लिए इसे गर्म पानी में घोलें। अगर झाग बने या गंध अजीब हो तो मिलावटी हो सकता है।

घी की शुद्धता जांचने के लिए इसे गर्म करें। अगर इसमें तेज गंध या ज्यादा धुआं हो तो ये मिलावट का संकेत है।

सिल्वर फॉइल को रगड़ने पर काला निशान पड़े तो यह एल्युमिनियम है, जो नकली है।

शहद में पानी मिलाने पर अगर घुल जाए, तो इसमें चीनी की मिलावट है।

जिन मिठाइयों में ज्यादा चमक होती है, उसमें कोडिंग हो सकती है।

जो मिठाई लंबे समय से खुले में रखी होती हैं, उनमें धूल, मिट्टी और बैक्टीरिया आ जाते हैं।

अगर मिठाई के ऊपर सफेद परत जम गई हो या उसमें नमी हो तो ये बासी या गलत तरीके से स्टोर की गई है।

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