उमाकांत त्रिपाठी।Nanaji Deshmukh Death Anniversary: भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि- महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करना कितना उचित है, मैं नहीं जानता. कुछ लोगों का जीवन युग परिवर्तनकारी होता है. इसकी मिसाल भारतरत्न नानाजी देशमुख थे. उन्होंने कहा कि- बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से जुड़कर प्रचारक बने. केंद्रीय मंत्री शाह ने गुरुवार को दीनदयाल शोध संस्थान के दीनदयाल परिसर चित्रकूट में मौजूद थे, जहां नानाजी का श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया था. इस दौरान सीएम मोहन यादव भी मौजूद रहे. शाह ने कहा,कि- जनसंघ से जुड़े दीन दयाल उपाध्याय के साथ मिलकर अपने जीवन का क्षण-क्षण, तन का कण-कण भारत माता की सेवा में समर्पित किया. राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रहकर दुनिया में कुछ ही लोग होते हैं, जो अजातशत्रु रहें. नानाजी देशमुख इसी श्रेणी में शामिल हैं.
जानें-ऐसे थे नानाजी
राजनीति में रहकर भी सर्व स्वीकृति लाना कठिन है, लेकिन नानाजी का विरोध किसी ने नहीं किया. कला, साहित्य, उद्योग जैसे क्षेत्रों में नानाजी ने संपर्क बना सर्व स्वीकृति और सम्मान प्राप्त किया, ऐसा काम करने वाले नाना जी ही थे.
गृह मंत्री शाह ने पहले पीएम नेहरू पर बोला हमला
गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, कि-देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तो पश्चिम के सिद्धांतों को भारत में लागू किया. इसके बावजूद पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी जैसे लोग विरासत के साथ विकास के लिए एकात्मक मानववाद का आदर्श स्थापित करते रहे. यह इन्हीं दो महापुरुषों की देन है कि 60 करोड़ लोगों के विकास का लक्ष्य बनाकर अब भारत की सरकार आगे बढ़ रही है.
नानाजी ने हमेशा देश को पहले रखा-शाह
उन्होंने कहा कि- मैं डीआरआई से जुड़ा रहा, इसका एकमात्र कारण यहां की मंथन पत्रिका थी. इस पत्रिका के अंकों में भारत के विकास के सिद्धांत मिलते हैं. मेरे लिए तो यह पत्रिका वेद और उपनिषद के समान है. नानाजी ने हमेशा राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम किया. उनमें तिलक और गांधी का समावेश था. यही कारण है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें राष्ट्र ऋषि की उपाधि प्रदान की थी.