उमाकांत त्रिपाठी।कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में डॉक्टर कृतिका एम. रेड्डी की रहस्यमय मौत की गुत्थी सुलझ गई है. पुलिस ने सोमवार को मृतका के पति और पेशे से सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी जी.एस. को गिरफ्तार कर लिया. जांच में खुलासा हुआ कि- डॉ. महेंद्र ने अपनी पत्नी को प्रोपोफोल (Propofol) नामक शक्तिशाली एनेस्थेटिक दवा देकर मौत के घाट उतारा था.
शरीर में प्रोपोफोल मिलने के बाद गहराया था शक
29 साल की डॉक्टर कृतिका एम. रेड्डी की शादी पिछले साल ही डॉ. महेंद्र रेड्डी से हुई थी. 24 अप्रैल 2025 को उनका शव उनके घर में संदिग्ध हालत में मिला था. शुरुआती जांच में मौत को आत्महत्या बताया गया था, लेकिन – पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर में प्रोपोफोल की मात्रा मिलने से पुलिस को हत्या का शक हुआ. उनकी शादी को एक साल भी पूरे नहीं हुए थे.
जानिए- डॉ. महेंद्र का आपराधिक इतिहास
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त सीमांत कुमार सिंह ने बताया कि- आरोपी ने दवा अपने अस्पताल के माध्यम से अवैध रूप से हासिल की थी. पूछताछ में यह भी सामने आया कि- डॉ. महेंद्र का आपराधिक इतिहास रहा है, उनके खिलाफ धोखाधड़ी और धमकी देने जैसे कई मामले पहले से दर्ज हैं. अब पुलिस ने इस केस में हत्या की धाराएं भी जोड़ दी है. मृतक महिला डॉक्टर के पिता के कहने पर इस केस की फिर से जांच शुरू की गई थी.
पुलिस के अनुसार, महेंद्र रेड्डी का जुड़वां भाई डॉक्टर नागेंद्र रेड्डी भी इसी तरह के मामलों में फंसा हुआ है. फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 103 के तहत मामला दर्ज किया है.दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है. बेंगलुरु पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर आगे की जांच कर रही है. मृतका के परिवार ने कहा है कि- उन्हें न्याय चाहिए और आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.